Ritu Rahar
Romance
अब ना कोई शिकायत है,
और ना ही कोई ग़म...
ये कैसा इश्क़ है तुम्हें हमसे कि,
ना रहे अधूरे और ना पूरे हुए हम।।
माहवारी एक मह...
प्यार
बेजार मोहब्बत
ममता
याद है मुझे
प्यार और आकर्...
थोड़ी सी ख़ामोशी मुझे है स्वीकार ... अतिशयोक्ति में डूबा हुआ नहीं चाहिए प्यार ! थोड़ी सी ख़ामोशी मुझे है स्वीकार ... अतिशयोक्ति में डूबा हुआ नहीं चाहिए प्यार !
कुंद...सेमल...हरसिंगार...पलाश इन लताकुंजों को है तुम्हारी तलाश। कुंद...सेमल...हरसिंगार...पलाश इन लताकुंजों को है तुम्हारी तलाश।
मैं मचलती हूँ सात सुर-सी बजती वीणा-सी, कोई नश्तर नहीं मेरे वज़ूद के आसपास... मैं मचलती हूँ सात सुर-सी बजती वीणा-सी, कोई नश्तर नहीं मेरे वज़ूद के आसपास...
गिनना चाहती हूँ तारों को मैं, चाँद पर बैठना चाहती हूँ, थोड़ी देर... गिनना चाहती हूँ तारों को मैं, चाँद पर बैठना चाहती हूँ, थोड़ी देर...
पता नहीं कुछ वर्षों की या जन्मों का है सहारा ना तेरा ना मेरा कहता, कहता सब है हमारा। पता नहीं कुछ वर्षों की या जन्मों का है सहारा ना तेरा ना मेरा कहता, कहता सब है...
पर्व आधुनिक प्रेम का, वैलिन्टाइन नाम। हमने भी विधिवत किया, एक एक सब काम।। पर्व आधुनिक प्रेम का, वैलिन्टाइन नाम। हमने भी विधिवत किया, एक एक सब काम।।
तुम्हारी यादों के सफ़र पर रोज रात निकल पड़ती हूँ। तुम्हारी यादों के सफ़र पर रोज रात निकल पड़ती हूँ।
तुम्हारे अंदर वो तमाम रद्द-ओ-बदल जो तुमने सिर्फ़ मेरे लिए किये उनका आभार जता सकूँ मै तुम्हारे अंदर वो तमाम रद्द-ओ-बदल जो तुमने सिर्फ़ मेरे लिए किये उनका आभार ...
इश्क़ है; सिलवटों से भरे बिस्तरों में, अपनी प्रेयषी की खुशबू को ढूँढना ! इश्क़ है; सिलवटों से भरे बिस्तरों में, अपनी प्रेयषी की खुशबू को ढूँढना ...
हैं तेरे बारे में तो बात बहुत , और कुछ मेरी अपनी बीती है ।। हैं तेरे बारे में तो बात बहुत , और कुछ मेरी अपनी बीती है ।।
इश्क़ को बस यही दीवानगी यही सुकून चाहिए। इश्क़ को बस यही दीवानगी यही सुकून चाहिए।
पात पात प्रतीति परिभाषित, है तुम बिन फागुन अभिशापित। पात पात प्रतीति परिभाषित, है तुम बिन फागुन अभिशापित।
प्रेम सुधा की प्यासी राधा ताप बिरह का कैसे सहे। प्रेम सुधा की प्यासी राधा ताप बिरह का कैसे सहे।
एक गीत अपनी मोहोब्बत के लिए।। एक गीत अपनी मोहोब्बत के लिए।।
बस तुम यूं ही आ जाना...। बस तुम यूं ही आ जाना...।
शहर में तुम्हारी गंध फैली है अभी भी हर आयोजन में। शहर में तुम्हारी गंध फैली है अभी भी हर आयोजन में।
तेरे गाँव को जाती सड़क है न वहीं कहीं वो आखिरी मुलाकात होगी। तेरे गाँव को जाती सड़क है न वहीं कहीं वो आखिरी मुलाकात होगी।
तुम जाते जाते ले गये.. मुझसे मेरी साँझ की तसल्ली.. तुम जाते जाते ले गये.. मुझसे मेरी साँझ की तसल्ली..
पर जीवन की संध्या बेला में ये एहसास चरम पर होता है ।। पर जीवन की संध्या बेला में ये एहसास चरम पर होता है ।।
मैंने कभी नहीं मांगा था हाथ तुम्हारा साथ तुम्हारा मैंने कभी नहीं मांगा था प्रीत तुम। मैंने कभी नहीं मांगा था हाथ तुम्हारा साथ तुम्हारा मैंने कभी नहीं मांगा था ...