प्यार
प्यार
ना कदर हुई, ना फिक्र हुई...
मैंने माफ किया, मैं भूल गई
फिर बात चली, मुझे बुरी लगी...
कुछ हल ना हुआ, मैं सहम गई...
ना तुम बदले और ना ये ज़िन्दगी...
मैं फिर से चली पर थोड़ी बदल गई !
ना कदर हुई, ना फिक्र हुई...
मैंने माफ किया, मैं भूल गई
फिर बात चली, मुझे बुरी लगी...
कुछ हल ना हुआ, मैं सहम गई...
ना तुम बदले और ना ये ज़िन्दगी...
मैं फिर से चली पर थोड़ी बदल गई !