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Zeba Khan

Abstract

3  

Zeba Khan

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बदलाव

बदलाव

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बदलता हर कोई है ज़माने में:-


कोई बदलाव आने से बदलता है।

कोई बदलाव लाने को बदलता है।


कोई ख़्वाब सजाने को बदलता है।

कोई ख़्वाब पाने को बदलता है।


कोई प्यार की उम्मीद में बदलता।

कोई प्यार से नाउम्मीद होकर बदलता है।


कोई ज़माने के साथ बदलता है।

कोई ज़माना ही बदल देता है।


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