हिन्दू मुसलमान
हिन्दू मुसलमान
क्यूं हर चीज़ में तुम सब को हिन्दू- मुसलमान, गीता- कुरान करना ही आता है?
क्यूं तुम्हें मरने वाले में इंसान और मारने वाले में हैवान नज़र नहीं आता है?
क्यूं तुम एक हवस की शिकार हुई लड़की में बेटी,
बहन, किसी की बीवी, चाची, मामी, ताई, मौसी जैसे रिश्तों को नहीं देख पाते हो?
क्यूं एक बेकसूर की मौत पर इस तरह करके सियासत की कालिख चढ़ाते हो?
क्यूं तुम्हें गुनहगार में हिन्दू और मुसलमान का चेहरा ही दिखता है?
क्यूं नहीं उस चेहरे के पीछे के हैवान का चेहरा दिखता है?
इस तरह की घटनाओं पर भी हिन्दू-मुसलमान करके
कभी इस दरिंदगी को ख़तम नहीं कर पाओगे।
जो देखते हो हर वारदात में धर्म, तो देख लेना एक दिन ख़ुद के धर्म के
किसी दरिंदे द्वारा गर खुद सताए जाओगे।
और तब सिर्फ और सिर्फ रो और पछता ही पाओगे।
इसलिए हर घटना पर धर्म-धर्म करने वालों,
इंसाफ इंसान के लिए मांगो, और मांग करो कि गुनहगार को फांसी टांगो।