प्रकृति से सीखो तुम
प्रकृति से सीखो तुम
फूलों से महकना सीखो तुम,
चिड़ियों से चहकना सीखो तुम।
नदियों से चलते रहना सीखो,
पहाड़ों से डटकर सहना सीखो।
पेड़ों से जड़ता का गुण सीखो,
झरनों से जीवन की धुन सीखो।
तारों सा चमकना भी जानो,
ख़ुद को किसी से कम ना मानो।
रस्तों से मंज़िल को पहचानो,
ख़ुद की हिम्मत को तुम जानो।
सूर्य सा तेज व्यक्तित्व में लाओ,
चंद्रमा सी शीतलता जग में फैलाओ।
सागर सी गहराई बातों में अपनाओ,
हौसलों के पंख आसमां की भांति फैलाओ।