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Gourav Jain

Tragedy

4.5  

Gourav Jain

Tragedy

बदला नहीं

बदला नहीं

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बदला नहीं हूं मैं मेरी भी एक कहानी है,

बुरा बन गया हूं मैं मेरी मोहब्बत की मेहरबानी है।


बदला नहीं हूं मैं बस दुनिया को समझ गया हूं।

बदला नहीं हूं मैं बस दूर हो चुका हूं उनसे जिन्हें कभी मेरी कदर नहीं थी।


बदला नहीं हूं मैं बस बचकानी हरकतें करना छोड़ दिया।

बदला नहीं हूं मैं बस दिल थोड़ा समझदार हो गया है।


बदला नहीं हूं मैं और ना ही मेरी आदतें रोज सोता हूं तेरी तस्वीर देख के।

बदला नहीं हूं मैं बस मेरे किताब के कुछ पन्ने कहीं खो गए हैं।


बदला नहीं हूं मैं मुझे तेरी रोज की बेरुखियों ने ऐसा बना दिया।


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