दर्द-ए-मोहब्बत
दर्द-ए-मोहब्बत
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याद आते हैं तो ज़रा खो लेते हैं हम,
आंसू आँखों में उतर आए तो रो लेते हैं हम,
नींद आँखों में आती नहीं लेकिन,
आप ख्वाबों में आए यही सोच कर सो लेते हैं हम।।
हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे,
वह भी हर वक्त हमें आजमाते रहे,
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया,
हम मर गए और वो मुस्कराते रहें।
कुछ किस्से दिल में कुछ कागजों पर आबाद रहे,
बताओ कैसे भूले उन्हें जो हर सांस में याद रहे,
हमने तो हमारा सब-कुछ छोड़ दिया,
लेकिन आप ओरो के पीछे दौड़ते रहे।