रिश्ते ए दिल के...
रिश्ते ए दिल के...
भगवान ने बड़े अजीबो-गरीब से दिल के रिश्ते बनाया है
सबसे ज्यादा वही रोया है जिसने ईमानदारी से निभाया है।
ना जाने क्यूं खुद को अकेला पाया है,
हर एक रिश्ते में खुद को गंवाया है।
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में,
तभी हर किसी ने हमें यूँ ही ठुकराया है।
शिकवा करूं भी तो किससे,
दर्द भी मेरा और दर्द देने वाले भी मेरे।
दर्द तू शोर ना कर अभी गमों की रात है,
मेरी भी मौत होगी बस कुछ ही समय की बात है।