STORYMIRROR

Jitendra Kumar

Abstract

4  

Jitendra Kumar

Abstract

बदल रहा है मौसम

बदल रहा है मौसम

1 min
629

गर्मी के मौसम से धीरे-धीरे,

सर्दी में ढल रहा है मौसम।

रखना खुद का ध्यान है अब,

बच्चों, बदल रहा है मौसम।।


सुबह उठकर नंगे पैर फर्श पर,

नहीं है अब तुमको चलना।

तन पर गर्म कपड़ा पहनकर ही,

अब घर से बाहर निकलना।।


माता-पिता का कहना मानो,

हवा में छत पर मत टहलना।

ठण्डी हवा से सर्दी लग जाएगी,

अब तुमको है आदत बदलना।।


गुनगुने पानी से नहाना अब,

ठण्डा पानी प्रयोग करो कम।

रात में कम्बल ओढ़कर सोना,

बच्चों, बदल रहा है मौसम।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract