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Jitendra Kumar

Inspirational

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Jitendra Kumar

Inspirational

आजा कन्हैया

आजा कन्हैया

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पापों का जग से नाश करने,

एक बार फिर आजा कन्हैया।

हर एक बुराई का विनाश करने,

धरत पर चरण टिका जा कन्हैया।।


जैसे लाज रखी द्रौपदी की द्वापर में,

दुष्टों से नारी को बचाने आजा कन्हैया।

अन्याय पर न्याय की जीत करायी,

फिर दुखियों को न्याय दिला जा कन्हैया।।


अधर्म आज फिर बढ़ रहा है जगत में,

धर्म की स्थापना कराने आजा कन्हैया।

असत्य का बोलबाला हुआ है चहूँ ओर,

फिर सत्य का डंका बजा जा कन्हैया।।


मानव ही मानव का बना है आज शत्रु,

दिलों में प्रेम-बीज उपजा जा कन्हैया।

घनघोर अँधेरी रात घिर आयी है फिर,

अपना दिव्य प्रकाश फैला जा कन्हैया।।



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