बेटी है तो कल है
बेटी है तो कल है
बेटी है तो कल है
शक्ति की पुँज हैं वो,
ज्ञान का सागर भी हैं।
नारियाँ कम नहीं किसी से,
सर्व गुणों का आगर भी हैं।।
धरती से अम्बर तक पताका,
उत्कृष्टता की ये फहरा रहीं।
प्रोत्साहन मिले इन्हें यदि नेह का,
सिद्ध कर स्वयं को दिखा रहीं।।
सृष्टि के आरम्भ से अब तक,
स्त्रियों से सुसज्जित संसार है।
आदर्श समाज के निर्माण में,
सशक्त नारियाँ ही आधार हैं।।
दृढ़ प्रतिज्ञा हो सभी को,
आज मन में ये ठानना है।
लिंगभेद मिटाकर स्त्रियों को,
पुरुषों के समान ही मानना है।।
