बड़ी नादानी करते हैं
बड़ी नादानी करते हैं


कभी-कभी यह बड़े लोग,
बड़ी नादानी करते हैं।
छोटों को वह शर्मसार कर,
पानी-पानी करते हैं।
उम्र का कोई ध्यान नहीं है,
सही-ग़लत का ज्ञान नहीं है।
क्षण भर की मस्ती की ख़ातिर,
महापाप कर देते हैं।
जब टूटता है इनका भक्क,
देर बहुत हो जाती है।
तिनके-तिनके में बिखर के,
इनका घर रह जाता है।
कोई ज़रूरी नहीं है कि,
बड़े हो तो बुद्धि भी हो।
बड़े होना अलग बात है,
बुद्धी होना अलग चीज़।