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Dr Shikha Tejswi ‘dhwani’

Abstract

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Dr Shikha Tejswi ‘dhwani’

Abstract

बड़ी नादानी करते हैं

बड़ी नादानी करते हैं

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कभी-कभी यह बड़े लोग,

बड़ी नादानी करते हैं।

छोटों को वह शर्मसार कर,

पानी-पानी करते हैं।


उम्र का कोई ध्यान नहीं है,

सही-ग़लत का ज्ञान नहीं है।

क्षण भर की मस्ती की ख़ातिर,

महापाप कर देते हैं।


जब टूटता है इनका भक्क,

देर बहुत हो जाती है।

तिनके-तिनके में बिखर के,

इनका घर रह जाता है।


कोई ज़रूरी नहीं है कि,

बड़े हो तो बुद्धि भी हो।

बड़े होना अलग बात है,

बुद्धी होना अलग चीज़।


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