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Anjana Singh (Anju)

Abstract

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Anjana Singh (Anju)

Abstract

बड़ा अच्छा लगता है

बड़ा अच्छा लगता है

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कुछ सोचते हुए 

कुछ मुस्कुरातें हुए

शब्दों से खेलते हुए

कुछ भी लिखना 

बड़ा अच्छा लगता है


यादों की गलियों में जातीं हूं

कभी मुस्कुरातीं 

कभी गुनगुनाती हूं

बीते दिनों की 

यादों को याद कर 

खुश हो जाती हूं

यादों की गलियों में पुनः जाना

बड़ा अच्छा लगता है


अपनी जिंदगी तो 

खुली किताब सी है

ये जिंदगी कुछ सीधी 

तो कुछ टेढ़ी मेढ़ी सी भी है

पर इस जिंदगी को  

दोबारा पढ़ना भी

बड़ा अच्छा लगता है


दिल की हर बात

सब कहां हैं समझतें

कहाॅं किसी की 

कोई पीड़ा को महसूस हैं करतें

उस पीड़ा को शब्दों में सजाना 

बड़ा अच्छा लगता है


जिंदगी की सच्चाई से 

यूं तो हम भलीभांति 

होते हैं परिचित

जिंदगी कभी मीठी 

तो कभी कड़वी होती है

कड़वें पन को भूल कर

कभी सपनों में जीना 

बड़ा अच्छा लगता है


कभी-कभी बहुत

तन्हा सा लगता है

जिंदगी का सफर

इस एकाकीपन को छोड़

नए लोगों से मिलना 

उनसें जुड़ना व दोस्ती करना

बड़ा अच्छा लगता है


कभी-कभी हम

जिंदगी की दौड़ भाग से

बहुत उब जाते हैं

तब इन सब से दूर

खुद में खुद को खोजना

कुछ चिंतन करना 

बड़ा अच्छा लगता है


उगतें सूरज की रोशनी

डूबतें सूरज की लालिमा

मन में अजब 

उमंग भर देती है

इनको अपलक देखतें रहना

 बड़ा अच्छा लगता है


खिड़कियों के झरोखें से

बारिश की रिमझिम 

बूंदों को देखती हूं

उनका यूं बरसना


उनकों देर तलक निहारना 

बड़ा सुकून देता है

सच कहूं यह सब दिल को

बड़ा अच्छा लगता है


रात में झिलमिलाते

सितारों को देखना

कभी पूनम के चांद को देखना

कभी टूटतें तारों को देखना

बड़ा अच्छा लगता है


सुबह-सुबह नभ में 

उड़तें पक्षियों का 

कलरव करना

उनकी मधुर चहचहाट सुनना

उन्हें खुद से दाना डालना

बड़ा अच्छा लगता है


बगिया में पौधों को 

झूमतें देखना

फूलों को खिलतें देखना

हवा को यूं महसूस करना 

बड़ा अच्छा लगता है


कभी-कभी यूं ही

निकल जाती हूं दूर तक

कभी लड़खड़ाती

या कभी सभंल जाती

कैसी भी हो राहें


बस यूं ही चलते जाना

बड़ा अच्छा लगता है

कभी पीछें मुड़ कर देख लेना

भी बड़ा अच्छा लगता है।


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