Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Anju Singh

Abstract

4.7  

Anju Singh

Abstract

बड़ा अच्छा लगता है

बड़ा अच्छा लगता है

2 mins
286


कुछ सोचते हुए 

कुछ मुस्कुरातें हुए

शब्दों से खेलते हुए

कुछ भी लिखना 

बड़ा अच्छा लगता है


यादों की गलियों में जातीं हूं

कभी मुस्कुरातीं 

कभी गुनगुनाती हूं

बीते दिनों की 

यादों को याद कर 

खुश हो जाती हूं

यादों की गलियों में पुनः जाना

बड़ा अच्छा लगता है


अपनी जिंदगी तो 

खुली किताब सी है

ये जिंदगी कुछ सीधी 

तो कुछ टेढ़ी मेढ़ी सी भी है

पर इस जिंदगी को  

दोबारा पढ़ना भी

बड़ा अच्छा लगता है


दिल की हर बात

सब कहां हैं समझतें

कहाॅं किसी की 

कोई पीड़ा को महसूस हैं करतें

उस पीड़ा को शब्दों में सजाना 

बड़ा अच्छा लगता है


जिंदगी की सच्चाई से 

यूं तो हम भलीभांति 

होते हैं परिचित

जिंदगी कभी मीठी 

तो कभी कड़वी होती है

कड़वें पन को भूल कर

कभी सपनों में जीना 

बड़ा अच्छा लगता है


कभी-कभी बहुत

तन्हा सा लगता है

जिंदगी का सफर

इस एकाकीपन को छोड़

नए लोगों से मिलना 

उनसें जुड़ना व दोस्ती करना

बड़ा अच्छा लगता है


कभी-कभी हम

जिंदगी की दौड़ भाग से

बहुत उब जाते हैं

तब इन सब से दूर

खुद में खुद को खोजना

कुछ चिंतन करना 

बड़ा अच्छा लगता है


उगतें सूरज की रोशनी

डूबतें सूरज की लालिमा

मन में अजब 

उमंग भर देती है

इनको अपलक देखतें रहना

 बड़ा अच्छा लगता है


खिड़कियों के झरोखें से

बारिश की रिमझिम 

बूंदों को देखती हूं

उनका यूं बरसना


उनकों देर तलक निहारना 

बड़ा सुकून देता है

सच कहूं यह सब दिल को

बड़ा अच्छा लगता है


रात में झिलमिलाते

सितारों को देखना

कभी पूनम के चांद को देखना

कभी टूटतें तारों को देखना

बड़ा अच्छा लगता है


सुबह-सुबह नभ में 

उड़तें पक्षियों का 

कलरव करना

उनकी मधुर चहचहाट सुनना

उन्हें खुद से दाना डालना

बड़ा अच्छा लगता है


बगिया में पौधों को 

झूमतें देखना

फूलों को खिलतें देखना

हवा को यूं महसूस करना 

बड़ा अच्छा लगता है


कभी-कभी यूं ही

निकल जाती हूं दूर तक

कभी लड़खड़ाती

या कभी सभंल जाती

कैसी भी हो राहें


बस यूं ही चलते जाना

बड़ा अच्छा लगता है

कभी पीछें मुड़ कर देख लेना

भी बड़ा अच्छा लगता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract