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आ. वि. कामिरे

Abstract Children Stories

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आ. वि. कामिरे

Abstract Children Stories

बचपना

बचपना

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कोई और तमन्ना नहीं मेरी तुमसे

बस गुजारिश मैं कर रहा हूँँ मेरे मन से


जीवन में चाहे सुख मिले न मिले

दुःख में हँसी की कली खिले न खिले


बस एक बात का ख्याल रखना

इस बेबस जिंदगी मे भी

मेरा बचपना सँभाल लेना।


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