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आ. वि. कामिरे

Abstract Drama Others

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आ. वि. कामिरे

Abstract Drama Others

असली पैसा

असली पैसा

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अगर आये मन में 

तो खरीदूँ सारा संसार

क्योंकि पैसे से बड़ा 

नहीं बड़ा कोई दुनिया में आधार

पहले सोचता मैं भी ऐसा ही

चलती हर वक्त मेरी पैसे कि दौड़ नयी

पर जब आया मुझे समझ

कि खरीदा तो जा सकता है सब 

इस दुनिया में पैसो से अब 

यहाँ तक वो प्यार भी 

जो कल लगता था नासमझ

पर एक बात तुम बताओ

खरीद तो लोगे तुम सब कुछ

पर जरा जिंदगी को एक बार देख आओ

और तब समझ तुम जाओगे बहुत कुछ

कि , इस जिंदगी में 

हम चाहे जो खरीदे पैसो से

हमें ना कोई रोकने वाला


पर सोच के देखो जरा 

क्या इन पैसो से

वापस मिलेंगे तुम्हें वह बचपन के पल 

जिन्हें रखा है संभाल के तुमने हर पल

यही तो दुःख है मेरे दोस्त

भले ही पैसो से खरीदे संसार

पर फिर भी है हम गरीब 

क्योंकि नहीं खरीद सकते पैसो से

बचपन के वो सारे ख्वाब

अनमोल है वो जो नहीं तोले जा सकते पैसो से किसी

पर समझते क्यों हम ऐसा

कि सब कुक सकते खरीदे ऐसे ही

पर सत्य यह नहीं है 

भले ही हासिल क रलो तुम कितनी ही कामयाबी

पर वो बचपने का ताला 

खोलने के लिये चाहिये सिर्फ ख्वाबों कि चाबी

जिसे बहुत पहले ही खुद से दूर किया तुमने

इस के कारण सब लोग घुटन में है अपने मन में

करो दूर इसे अपने से थोड़ा

तो महत्व समझ आयेगा तुम्हें असली पैसे का ..



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