बचपन और बुढ़ापा हैं जीवन के...
बचपन और बुढ़ापा हैं जीवन के...
बचपन और बुढ़ापा
हैं जीवन के दो छोर।
बच्चे में भरी है ऊर्जा,
बुढ़ापे में अनुभव जोर।
पीढ़ी का अंतर इनमें है भैया,
अलग दिशाओं में खेते हैं नैया।
अनुभव और ऊर्जा में,
संभावनाएं हैं पुरजोर।
बच्चे में भरी है ऊर्जा,
बुढ़ापे में अनुभव जोर।
बचपन और बुढ़ापा
हैं जीवन के दो छोर।
बच्चे में भरी है ऊर्जा,
बुढ़ापे में अनुभव जोर।
अकेली ऊर्जा-अनुभव ,
भला न करेंगे हमारा।
अतुलित शक्ति बन जाएं ,
जो हो एक दूजे का सहारा।
मिलकर के दोनों शक्ति,
लाएंगी विकास का दौर।
बच्चे में भरी है ऊर्जा,
बुढ़ापे में अनुभव जोर।
बचपन और बुढ़ापा
हैं जीवन के दो छोर।
बच्चे में भरी है ऊर्जा,
बुढ़ापे में अनुभव जोर।
एक दिशा में ऊर्जा ,
और अनुभव जो चलेंगे।
मरुभूमि में अगणित स्रोत,
मृदु जल के बहेंगे।
मिलेगा हर लक्ष्य इच्छित,
और आएंगे खुशियों के दौर।
बच्चे में भरी है ऊर्जा,
बुढ़ापे में अनुभव जोर।
बचपन और बुढ़ापा
हैं जीवन के दो छोर।
बच्चे में भरी है ऊर्जा,
बुढ़ापे में अनुभव जोर।
