बच्चों की मस्ती
बच्चों की मस्ती
खुशियों और मस्ती का अहसास,
सिर्फ बचा है अब बच्चों के पास।
खुशी के उत्सव इनका जन्मदिन,
मस्ती के दिन रखते हैं गिन-गिन।
है हर खुशी अधूरी बच्चों के बिन,
इनका सानिध्य खुशी का आवास।
खुशियों और मस्ती का अहसास,
सिर्फ बचा है अब बच्चों के पास।
स्कूल देवालय पार्क और उद्यान,
हर जगह की है बच्चों से शान।
सबको निज बच्चों पर अभिमान,
निज मात-पिता की ये हैं जान।
इनसे घर में रौनक और खुशहाली,
इनके बिन रहता घर पूरा उदास।
खुशियों और मस्ती का अहसास,
सिर्फ बचा है अब बच्चों के पास।
आज के बच्चे हैं देश का कल,
करेंगे हर समस्या का ही हल।
हम सब रखें सदा इनका ध्यान,
ये सब कल बनेंगे देश की शान।
इनकी उन्नति है देश की उन्नति,
इनका विकास देश का विकास।
खुशियों और मस्ती का अहसास,
सिर्फ बचा है अब बच्चों के पास।