बच्चे हुए सयाने हैं
बच्चे हुए सयाने हैं
आज उमरिया पीछे छूटी,
बच्चे हुए सयाने हैं !
तौर तरीके नए नए हैं,
नूतन दौर है शिक्षण का !
समय आ गया ऐसे लगता,
गुरुओं के पुनरीक्षण का !
खोज रहे अपने वजूद को,
लगता दूर ठिकाने हैं !
ज्ञान किताबी बहुतेरा है,
शून्य हुए व्यवहारों में !
बचपन खोया खोया लगता,
शिक्षा के गलियारों में !
मंजिल नजरों से ओझिल सी,
अभी चलन मनमाने हैं !
नई दिशाएं, नई राह पर,
नजर हमेशा रहती है !
नित नवीन चेतनता पल पल,
चंचलता डग भरती है !
खोज रहे अपने वजूद को,
लगता दूर ठिकाने हैं !
कदम कदम पर सबक मिले जो,
ये जीवन की थाती है !
अनुभव जितने मिले बटोरें,
घड़ी इन्हे दुहराती है !
शीर्ष पहुंचती अगर सफलता,
अधरों बसे तराने है !