बातें कर....।
बातें कर....।


जब कोई बात करने न आए,
तो दीवारों से बातें कर।
किताबें कहानियां सुनावेंगी,
तू किरदारों से बातें कर।
चुप बैठा है, काहे को ?
अब अनजानों से बातें कर।
तेरी काल्पनिक दुनिया के,
उन मेहमानों से बातें कर।
गूँगा बन गया है क्यों....?
अपने यारों से बातें कर।
जो तेरे अपने साथी हैं,
उन प्यारों से बातें कर।
दश्त-ए-तसव्वुर में घूमनेवाले,
बंजारों से बातें कर।
दुनिया की ख़बर देनेवाले,
अखबारों से बातें कर।
नफा - नुकसान समझाने वाले,
बाज़ारों से बातें कर।
भाग्य भले ही माटी में मिले,
मगर तारों से बातें कर।
सामाजिक प्राणी नाम है तेरा,
ये वार्तालाप ही काम है तेरा।
अंतर्मुखी से बहिर्मुखी बन जा,
और हम चारों से बातें कर।
*दश्त-ए-तसव्वुर = desert of imagination.
*माटी में मिले = नष्ट हो जाना, तबाह हो जाना।
*सामाजिक प्राणी = Social being.
*अंतर्मुखी = introvert.
*बहिर्मुखी = extrovert.