बारिश
बारिश
देख नद नाले उफनकर कर रहे स्वागत यहां,
गुनगुनाती हैं दिशाएं खिल गई धरती जवां।
हो रही #बारिश भी रिमझिम झूमता मेरा ये मन,
चल रही शीतल हवाएं बावरा मन है कहां।
सनसनाती ये हवाएं छूके तन-मन जब गई,
बज रहे #संगीत दिल में हल्के से कुछ कह गई।
दमके दामिनी छलकीं आंखें हो गया दीदार जो,
ये निगाहें आशिकी में #शायरी कुछ कर गई।
बज उठी पायल निगोड़ी, होके मतवारी पिया,
लेके अधरों पर तबस्सुम, हो गया बेबस जिया।
भींगा मौसम भी मज़ा दे,#चाय और तुम साथ हो,
खोल दी अब #छतरी मैंने,प्यार बस तुमसे किया।

