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Vishu Tiwari

Romance

4  

Vishu Tiwari

Romance

बारिश

बारिश

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देख नद नाले उफनकर कर रहे स्वागत यहां,

गुनगुनाती हैं  दिशाएं खिल गई धरती जवां।

हो रही #बारिश भी रिमझिम झूमता मेरा ये मन,

चल रही शीतल हवाएं बावरा मन है कहां।


सनसनाती ये  हवाएं छूके तन-मन जब  गई,

बज रहे #संगीत दिल में हल्के से कुछ कह गई।

दमके दामिनी छलकीं आंखें हो गया दीदार जो, 

ये निगाहें आशिकी में #शायरी कुछ कर गई।


बज उठी  पायल निगोड़ी, होके मतवारी पिया,

लेके अधरों पर तबस्सुम, हो गया बेबस जिया।

भींगा मौसम भी मज़ा दे,#चाय और तुम साथ हो,

खोल दी अब #छतरी मैंने,प्यार बस तुमसे किया।



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