STORYMIRROR

Dinesh Dubey

Abstract

4  

Dinesh Dubey

Abstract

बारिश के बाद

बारिश के बाद

1 min
5

छाई हरियाली चारो ओर,

मस्त पवन झूमे चहु ओर,

मद मस्त हुए नाचे है मोर,

नदियों कि कल कल मचाए शोर।


खत्म हुई है अभी ये बारिश,

शुरू हुई खुशियों की बारिश,

लहराती हैं खेतों में फसलें,

चल किसान अब कमर तू कसले।


गर्मी का अब ताप है रुका,

अब कहीं न रहा है सुखा,

ठंडी बयार करती है शोर,

बारिश के बाद जागे चितचोर।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract