बालश्रमिक
बालश्रमिक
ये बचपन टूटा हुआ है मेरा
ये आंसू सूखा हुआ है मेरा
लोग कहते हैं बालश्रमिक,
पर असल श्रम छूटा है मेरा
पढ़ने की उम्र में काम करता हूं,
माता-पिता का नाम करता हूं,
माता-पिता को सहारा है मेरा
ये बचपन टूटा हुआ है मेरा
पिता घर मे खटिये पर पड़े हैं,
मां के आंसू इस दिल में पड़े हैं,
मजबूरी में बालश्रम ही सही,
पर ख़ुद का ऊंचा नाक है मेरा
कभी होटलों में गिलास धोता हूं,
कभी खुद के जख्मों को धोता हूं
रोज जख्मो को सीना काम है मेरा
ये बचपन टूटा हुआ है मेरा
यूँ तो मेरे वास्ते कानून बना,
पर इसने किसीको न पकड़ा
यहाँ कानून ही अंधा हुआ है मेरा
फिऱ भी में रोऊंगा नहीं,
चेहरे को धोऊंगा नहीं,
ये सँघर्ष ही स्वर्ण आभूषण है मेरा
यूँ गरीबों के लिये योजना बहुत है
पर अमीरों की यहां पहुंच बहुत है
इनका पेट ही समंदर सा है गहरा
ये बचपन टूटा हुआ है मेरा
गरीब भले हूं,
पर भीख मांगना पेशा नही है मेरा
मैं बालश्रमिक हूं,
मेहनत ही खुदा है मेरा
भले ही बचपन टूटा हुआ है मेरा
पर हौसला आसमाँ से ऊंचा है मेरा।