STORYMIRROR

VIPIN KUMAR TYAGI

Tragedy

4  

VIPIN KUMAR TYAGI

Tragedy

बाल श्रम एक अभिशाप

बाल श्रम एक अभिशाप

2 mins
357

बाल श्रम एक अभिशाप है, एक शर्मनाक प्रथा है जिसको समाप्त है करना,

जब प्रत्येक बालक की उम्र होती है खेलने की, तब उससे बाल श्रम कराया है, जाता, अभी भी भारत में जगह-जगह बालश्रम कराया है, जाता,

होटलों में, घर पर, बीड़ी उद्योगों में, कांच उद्योग आदि में बाल श्रम कराया है जाता, पढ़ने की उम्र में बच्चों से बाल श्रम कराया है, जाता,

आरटीई के प्रावधानों का उल्लंघन कर बाल श्रम कराया है, जाता, पढ़ने की उम्र में भी कई शहरों में भीख भी मंगवाई है, जाती,

बाल श्रम एक अभिशाप है, एक शर्मनाक प्रथा है जिसको समाप्त है करना,

भारत के संविधान में बाल श्रम को अपराध घोषित है, किया, आर टी ई के प्रावधानों के अंदर भी बाल श्रम को गैरकानूनी घोषित है, किया,

समस्त विश्व में भी बाल श्रम को गैरकानूनी घोषित है, किया, संयुक्त राष्ट्र ने भी बाल श्रम को अपराध घोषित है, किया,

बाल श्रम एक अभिशाप है, एक शर्मनाक प्रथा है, जिसे समाप्त है करना,

अब हमारी बारी है, इस बाल श्रम को है रोकना,

अब बारी है प्रत्येक नागरिक की इस बाल श्रम को है रोकना,

अब बारी है सरकार की इस बाल श्रम को कठोर कार्रवाई कर है रोकना,

बाल श्रम पर हम सभी को शपथ लेने होगी कि ना तो हम बाल श्रम को प्रोत्साहित करेंगे और दूसरों को भी बाल श्रम को प्रोत्साहित न करने को प्रेरित करेंगे,

बाल श्रम एक अभिशाप है एक शर्मनाक प्रथा है जिसे समाप्त होना है जरूरी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy