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Neelam Chawla

Inspirational

4  

Neelam Chawla

Inspirational

बाल मनोविज्ञान

बाल मनोविज्ञान

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वो छोटी थी

एक मासूम सी 

जब माँ ईंटें उठाती थी

पेड़ उसकी रक्षा में

तना रहता 

सूरज की किरणों 

को पत्तीयां 

निगलती थी

नन्ही मुस्कराती थी


 आज देश की रक्षक है वो


पिता ने बहुत मारा 

उस रात माॅं को

दरवाजे के पीछे खड़ी

सहम गई।


आज तलवार चलाती है वो



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