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Mahendra Kumar Pradhan

Abstract

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Mahendra Kumar Pradhan

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अवश्य हारेगा कोरोना

अवश्य हारेगा कोरोना

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यह वैश्विक महामारी

भरपा रही है कहर

सारे विश्व में निरंतर

फैला रही है जहर।


जिधर गुजरी उधर बीमारी

मौत की सौदागर है

डाक्टरों की भी खैर नहीं

हर दवा बेअसर है।


टीसु पेपर या कपड़े से

खांसी छिंक को ढांकोना

आंख, मुंह, नाक ना छूना

स्वस्थ्य नियम मनोना।


सैनिटाइजर और सावधानी

हैंडवाश, साबुन गर्म पानी

बार बार हाथों को धो लोना

अवश्य हारेगा कोरोना।


अनुशासन ही महौषधि

संयम संकल्प दिव्यौषधि

धैर्य धारण करोना

अवश्य हारेगा कोरोना।


मानो बंधु विनती है

विशेषज्ञों की बात मानोना

घर के बाहर लक्ष्मणरेखा

सुरक्षा नियम मानोना।


घर के अंदर दिव्य कवच है

भेद ना पायेगा कोरोना

बाहर छुपा अदृश्य रावण

उसका स्वागत करना ना।


बहिर्गमन की मूर्खता छोड़

अनुशासन में ही रहोना ,

बंधु ! भीष्म प्रतिज्ञा करोना

अवश्य हारेगा कोरोना।


सिंह सा दहाड़नेवाला

वह छप्पन इंच का सीना

हाथ जोड़ जब विनती करे

परिस्थिति समझा कोरोना।


राष्ट्र पुकारे संकटकाल में

देशभक्ति दिखलाओना

गृहकैदी बन जाओ ना

अवश्य हारेगा कोरोना।


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