STORYMIRROR

Meena Singh "Meen"

Tragedy

4  

Meena Singh "Meen"

Tragedy

अविवाहित माँ...

अविवाहित माँ...

1 min
311


सुनो... ये जो अविवाहित माँ कहकर,

तुम मुझे अपमानित करते जाते हो।


तुम भी तो अविवाहित पिता बने हो,

क्यों सिर्फ मुझ पर ही उँगली उठाते हो?


सिर्फ इसलिए कि तुम पुरुष हो, है ना?

खुद गर्वित हो और स्त्री से मर्यादा चाहते हो।


सुनो तुम ...सौभाग्य है ये मेरा माँ बनना,

दुर्भाग्य तो तुम्हारा है क्यों समझ ना पाते हो।


मातृत्व जन्मजात औरत के अंतस में निहित है,

विवाहित या अविवाहित ममत्व में फर्क नहीं पाते हैं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy