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Hitesh pal

Abstract

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Hitesh pal

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औरत की आवाज

औरत की आवाज

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चुप रहने से बात बन जाती है

जो बात ज़ुबान पर नहीं आती,

वो आँखें कह जाती हैं

बोलना तो वह चाहती हैं

मगर हालात देख चुप रह जाती हैं

कभी हँस कर तो कभी रो कर 

अपने मन मे बात छुपाती है,

बोलने से बात बिगड़ जाती है

चुप रहकर सारी बात कह जाती है।


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