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JAYANTA TOPADAR

Comedy Drama Tragedy

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JAYANTA TOPADAR

Comedy Drama Tragedy

अरे, तू मत कर अभिमान...!!!

अरे, तू मत कर अभिमान...!!!

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क्या पाएगा तू दौलत का
अंबार लगाकर
जब एक दिन
ये जग छोड़कर जाना है तुझे ?
क्या पाएगा तू ये
'मेरा-तेरा' करके, अरे,
जब एक कोई न तेरे साथ
उस दुनिया में जाएगा...??

जब तक है ज़िंदगी, अरे,
कुछ बेमतलब भी कर ले...!!!
इस कशमकश भरी भागदौड़ में
तू कितना अकेला पड़ जाएगा,
कभी सोचा भी है...??

अब भी वक्त है, तू सुधर जा...!!!
अब और 'अपने-पराए' का 
ढोंग न रच...बस बोल दे तू सच
कि कितने पाप किए तूने,
नहीं तो यमलोक में चित्रगुप्त के
बही-खाते में तेरे पापों की सूची
बहुत लंबी होगी
और तेरा फैसला बहुत बुरा होगा...

अरे, तू शोहरत की महफिल में
अपनी असली औकात न भूल !
ये कान खोलकर सुन रे, अरे, ओ अभिमानी !
तू है केवल पदतल की धूल !



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