अप्रेम -पत्र
अप्रेम -पत्र
इक किताब है लिखवानीअप्रेम पर।लिखोगे तुम ?
रहे सनद कि,अनुभव अप्रेम का ज़रूरी है।
सोच लो एक बार फिर ! पैदा हुए तुम तो अगले ही क्षण
तुम्हें मिला होगा अपने माता-पिता का प्रेम।
अगर मिला हो अप्रेम तो लिख लो यह किताब
जीवन जितना बिताया उन क्षणों को याद कर,
एक गिनती उनकी ज़रूर करना, जिनसे तुम्हें मिला
अप्रेमया तुमने जिन्हें किया अप्रेम।
अगर गिन पाओ तो लिख लो यह किताब
यह भी सोच सकते हो किअपनी मृत्यु से पहले,
तुम कितना जी सकते हो अप्रेम
उस जीवन को सोच सको तो लिख लो यह किताब।
हाँ ! एक शर्त और है, यह भूल जाना कि
अप्रेम के आखिरी दो अक्षर प्रेम हैं।
अगर यह भूल पाओ तो लिख लो यह किताब।