अपने ही ख़ून में भेद भाओ
अपने ही ख़ून में भेद भाओ
बेटे को आगे देखने के लिए,
आप इतनी उम्मीद लगा बैठे,
की अब जब वो पूरे नहीं हुए,
तो आंसु बहा बैठे।
एक दफा अपनी बेटी पे,
भरोसा ही कर लेते तो शायद,
आप अपनी उम्मीद पूरे कर पाते।
फिर भी आपकी बेटी में हिम्मत है,
उसे किसे के भरोसे की नहीं,
बल्कि खुद में विश्वास है।
पूरी करेगी ज़रूर वो आपकी उम्मीद,
जो अपने बेटे से लगाए हैं,
क्योंकि आपकी बेटी,
आपके बेटों से होशियार है।
उसे नहीं बनना बेटा आपका,
बेटों ने तो ग़म दिए हैं,
आज बेटी बनकर ही उसने
आपके आंखों में खुशी के आंसू दिए हैं।
जिसे बेटी सोचकर अपने,
उसपे ध्यान नहीं दिया,
आज उसी बेटी ने,
आपका नाम रोशन किया।
बस दुःख इस बात का है कि,
आपने बेटे और बेटी में भेद भाव कर दिया,
और बेटी को हर जगह अकेला कर दिया।