अपनापन
अपनापन
कुछ साथी मिले
तो कुछ बिछड़ते गये
कोई हाथ छूटे तो
बहुत से मुझसे जुड़ते गये
हुए कोई खफा
तो कोई खुश होते गये
किसी ने की जफा,
तो कोई सपने संजोते गये
मै वही थी मासूम,
पर लोग बदलते गये
"अपनापन" जताकर
ख़ुद ही दूर धकेलते गये।
