अपना
अपना
उसकी कोई गलती नहीं
वो मुझे कैसे समझता
जरूरी तो नहीं
मैं उसे जैसे समझता हूं
वो मुझे वैसे समझता
इतनी सी तो ख्वाहिश थी
इस टूटे दिल की ज़ाहिल
बेशक समझे बुरा मुझे
पर अपना समझता
कुछ बाते ख्याली हो चाहे
पर सुकून देती है सोच कर
हकीकत ना हो तो ना सही
मुझे वही सपना समझता
वो मुझे अपना समझता.…

