अंतर्मन की आवाज़
अंतर्मन की आवाज़
जो सुने अंतर्मन की आवाज़
वह फंसे न किसी अपवाद
हर कार्य से पहले आ जाती है
अंतर्मन की आवाज़ ,
वह बतलाती है ,
क्या कर रहे हो
तुम ये गलत कर रहे हो,
पर सुन कर भी हम
अनसुना कर देते हैं,
और फिर कई बार,
फंस जाते है नई समस्याओं में
उसके बात याद आता है,
की काश मान ली होती
अंतर्मन की आवाज़।।