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ZEBA PARVEEN

Abstract Tragedy Fantasy

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ZEBA PARVEEN

Abstract Tragedy Fantasy

अनकही बातें

अनकही बातें

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बहुत सी तकलीफ को सहना

आसान नहीं होता।

सपनों को बिखरता देख

मुस्कुराना एक खून का घूट

पीना जैसा होता।।


चुप रहकर मैंने 

ख़ुद में एक चीख़ सुनी

जंजीर में जकड़ा देखा 

पता है, उस लड़की को

जो कभी बुलंद हौसलों से

आसमान में उड़ानें का दम

रखती थी।


कितनी ही अजीब

बात हैं, न परम्परा और उस की 

रूढ़ि को ख़त्म करना आसान नहीं

इंसान चाहें खत्म ही क्यों न हो जाए

की फर्क़ पड़ता है।


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