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Dr.rajmati Surana

Tragedy

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Dr.rajmati Surana

Tragedy

अनजाना सा रिश्ता

अनजाना सा रिश्ता

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अनकहा अनजाना सा रिश्ता है उनसे मेरा,

सात फेरे के बंधन से मुक्त है उनसे रिश्ता मेरा।


तकलीफ दिल को होती हैं कभी कभी सोचकर, 

कितना कुछ खोया मैंने कैसा अजीब है रिश्ता मेरा।


बेजान जज़्बातो में डूब गुमराह हो रही है जिदंगी, 

हाल ए दिल ऐसा अश्को में बह रहा है रिश्ता मेरा।


बहुत रूलाता है यह अनजान अनकहा रिश्ता, 

कैसे समझायें दिल को तुम से प्यारा सा है रिश्ता मेरा।


तुम बिन दिल बहुत उदास हो जाता है, 

तुम्हारी याद में कितना तडपाता है रिश्ता मेरा।


सुनो ना मेरे दिल की आवाज सुनकर आ भी जाओ, 

मन तुम बिन पल भर भी नहीं लगता कैसा है  ये रिश्ता मेरा।


एक बात पूछना चाहता हैं यह नादान दिल तुम से, 

क्या मेरा प्यार इतना है कमजोर जो तोड़ दिया रिश्ता मेरा।


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