अंजाम
अंजाम


दहकती मर्दानगी कांपती तेज आवाज से महसूस हुई
तेरे चेहरे पर आज वहशीपन का नजारा देखने को मिला
जल रही थी चिता औलाद की शासन प्रशासन के मान मरतब से
गरीब के फटते कलेजे का तार तार टूटने का नजारा देखने को मिला
मौसम के बदलते ही बदला परिंदो का आशियाना
मेरे घरौंदे का आज किस आजमाईश का नजारा देखने को मिला
होता था जिन्हें गुरेज कत्ल करने से सरेबाजार
मुक्कमल अंजाम के डर से भीड़ में दाखिला देखने को मिला
नजाकत को लुप्त कर गई चंद लम्हो की तानाशाही
वक्त का सिपहसालार मुल्क का सरदार देखने को मिला
मुर्दा लाशों में फूंक दी थी जान जिसकी एक ललकार ने 'नालन्दा'
हाथों की रेखाओं में उसके हत्याओं का गोला बारूद देखने को मिला।