लगता है सियासत से पक्की यारी हो गयी। लगता है सियासत से पक्की यारी हो गयी।
नहीं है मोल ममता का,नहीं कोई उसका मज़हब है। नहीं है मोल ममता का,नहीं कोई उसका मज़हब है।
हाथों की रेखाओं में उसके हत्याओं का गोला बारूद देखने को मिला। हाथों की रेखाओं में उसके हत्याओं का गोला बारूद देखने को मिला।
थाम लूंगा कलेजा स्वयं का थाम पाउँगा मुश्किल से मन को। थाम लूंगा कलेजा स्वयं का थाम पाउँगा मुश्किल से मन को।
दम जरा धारा के विपरीत दम जरा ज्यादा भरना! दम जरा धारा के विपरीत दम जरा ज्यादा भरना!
आज भी वो हमें भुलाए नहीं है, ज़िंदगी की दास्तां ही कुछ ऐसी है आज भी वो हमें भुलाए नहीं है, ज़िंदगी की दास्तां ही कुछ ऐसी है