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Surendra kumar singh

Abstract

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Surendra kumar singh

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अंधेरे की रौशनी

अंधेरे की रौशनी

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भभकते हुये अंधेरे की रौशनी में‌ है

सान्सकृतिक अराजकता का उन्मुक्त प्रवाह 

देश की मुख्य धारा का आभास दिला रहा है।

यकीनन भ्रष्टाचार मुक्त भारत की कार्ययोजना 

भ्रष्टाचार की राजनीति की भेंट चढ़ गयी है।

हमारे मार्गदर्शक,हमारे आदर्श

भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सूत्रधार 

या तो भ्रष्टाचार की जांच का सामना कर रहे हैं

या भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोपों से घिर गये हैं।

भ्रष्टाचार ने पहचान का गहरा संकट खड़ा कर दिया है

अविश्वास का आलम है

और भ्रष्टाचार नेपथ्य से

पक्ष और विपक्ष को

संवेदनशील सूचनाओं का

हथियार उपलब्ध करा रहा है

आप देश की मुख्यधारा में

इन हथियारों का प्रयोग देख सकते हैं

और देख सकते हैं

देश के संविधान में विश्वास का अभाव।


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