अलमारी में पुस्तकें
अलमारी में पुस्तकें
कवि लेखक लिख रख गये,सुख दुःख काँटे फूल
अलमारी में पुस्तकें ,फांक रही हैं धूल
फाँक रही हैं धूल,देखिये कैसा नाटक
ढेरों लेखक कवी,अल्प अति श्रोता पाठक
कुछ तो एसा लिखें,पढ़ा जाए जो बेशक
ढेले पर दें हाथ,हाथ आये कवि लेखक ।
