अजीब दुनिया
अजीब दुनिया
दुनिया रे दुनिया
क्या तेरे मन में समायी
क्यूँ तुमने दुनिया बनायी,
जहाँ दुनिया में एक और बेटी बचाओ
बेटी पढ़ाओ का नारा लगता है
तो दूसरी और
नवजात बालिका को
नाले में बहा दिया जाता है।
जहाँ दुनिया में एक और
नोट बंदी होती है
तो दूसरी और नोटों की बारिश।
दुनिया रे दुनिया
क्या तेरे मन मे समायी
क्यूँ तुमने दुनिया बनायी।
अजीब है यह दुनिया
जहाँ सच को झूठ माना जाता है
तो झूठ को सच।
जहाँ वीर अपनी जान देते हैं
और दूसरी और लोग
पैसे लुटाते हैं।
जहाँ नेता का है बोलबाला
जहाँ अभिनेता रहता है
सबका सितारा,
अजीब है यह दुनिया
दुनिया रे दुनिया
क्या तेरे मन में समायी
क्यूँ तुमने दुनिया बनायी।।