अजीब दास्तां है ये।
अजीब दास्तां है ये।
ये वो कहानी है जो मैं कभी नहीं भूल सकती।
मेरा उससे मिलना और मिल कर अलग हो जाना।
मगर फिर भी उसका एहसास मेरे साथ हमेशा होना कुछ अजीब है।
जितना वो नज़दीक आया उतना और कोई आ ही नहीं पाया,
या अगर किसी ने आना भी चाहा, तो मेरे दिल ने कभी माना ही नहीं।
बार बार दूर होकर मिलने की आस छोड़ देती हूं मैं उससे
मगर जैसे कयामत है उसमें, जो हर एक चीज़ मुझे उसकी तरफ़ खींच ले जाती है।
"जिसे दिल से पाने की कोशिश करो, पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है"
इस बात का सबूत है हमारा साथ होना।
ना जाने क्यों ऐसा लगता है कि साथ हो के भी दूर है,
और दूर हो के भी एक दूसरे के बहुत करीब हैं हम।
बहुत लोगों से मिली, मगर उसे पाने की चाह मुझे क्यों है
ये मैं कभी आज तक नहीं समझ पाई।
उसे पाना मेरे लिए मुश्किल है
और हैरानी है इस बात की कि मैं फिर भी बार बार उसकी तरफ खींची जाती हूं ।
ये कहानी आगे अधूरी रहेगी या पूरी मैं नहीं जानती
लेकिन वो हमेशा मुझे अपने आस पास महसूस होता है।।

