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Manoj Kumar

Romance Action Thriller

4  

Manoj Kumar

Romance Action Thriller

अगर लॉकेट होता।

अगर लॉकेट होता।

2 mins
370

काश तुम्हारे गले का लॉकेट होता।

हर पल पड़े रहता गले में मुस्काकर।।

तोड़ा सुकून मिलता तुझसे मिलकर।

भूलती नहीं हमें हर वक्त, न हम तुम्हें भूलता।।

तेरे मीठी सांसों से बाते करता।

इतना सोचता नहीं तुम्हारे पास चिपककर रहता।।

काश तुम्हारे गले................।


छूने नहीं देता तुम्हारे जिस्म को अंगरक्षक बनकर।

दोस्त बनता तेरा, तेरे मीठी बातों में फंस कर।।

जहां तू जाती, वहां मै भी जाता घूमता हर दम।

दुप्पटा से ढके रहती हमें, इतना भी नही था कम।।

तमन्ना पूरी होती मेरी, तेरे साथ रह कर।

प्यार से झूला झूलता तेरे गले में, अगर किस्मत होता।।

काश तुम्हारे गले................।


इज़हार करता जब तुम सो जाती रातों में।

हम भी सोते तेरे दिल के शय्या पर प्यार भरी बातों में।।

चूमता तेरे बदन को गुमसुम होकर।

अगर इनकार भी करती हमें गले से निकालने का, बांधता कसकर।।

नहीं छोड़ते तुम्हे तन्हा हम, भले ही रूठती मायूस होकर।

मै मनाता तेरे करीब होकर, अगर मेरा कसूर न होता।।

काश तुम्हारे गले ...............।


ओस की बूंदें पड़ता तेरे जुल्फों पर, मै भी भीग जाता।

मस्ती करता तेरे साथ उपवन में, गुलशन से ख़ुशबू चुराता।।

कभी दूर नहीं होते तुमसे, तेरे पास रह कर।

गुजरती आराम से जिंदगी मेरी, तेरे गले में होकर।।

वो खुशनसीब होगा, राह देखता होगा अपने बारे में।

अगर हमें भी मिल जाती, तब कोई दिक्कत न होता।।

काश तुम्हारे गले................।


तुम जब फिसलती बरखा के कीचड़ में झुककर।

मेरी चमक जाती तेरे मुखड़ा पर, रोक लेती हमें पकड़ कर।।

भीगता हम बारिश के मौसम में, तेरे गले में लटक कर।

सुखाती हमें भी अपने शरीर के साथ, खुश रहता तुमसे नज़रे मिला कर।।

सुहाना होता मौसम कुछ पल के लिए तेरे साथ में।

हम हनीमून पर ले जाता, अगर तेरे साथ रिश्ता होता।।

काश तुम्हारे गले का लॉकेट होता।


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