अधूरा मिलन
अधूरा मिलन
तूम मेरे मन में रहती है,
मैं तेरे दिल में रहता हूं,
तुझे मिलने की तमन्ना मुझे हर पल रहती है।
तू छुपकर रहती है,
तू दुनिया से डरती है,
फिर भी मिलने के लिये संदेशा तू भेजती है।
तू चुपके से आती है,
मैं तेरा इंतजार करता हूं,
मुझे देखकर पवन की तरह तू सरक जाती है।
तू प्यार में तड़पती है,
तू मुझ को तरसाती है,
विरह के आंसू मेरी आंखों में तू छलकाती है।
तू मेरे दिल की धड़कन है,
मैं तेरे प्यार की सरगम हूं,
मेरे प्यार का सूर तू हमेशा बेसुरा कर देती है।
तू मेरे प्यार का राग है,
मैं "मुरली" की तान हूं,
फिर भी हमारा मिलन क्यूं अधूरा ही रहता है?
