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Lokanath Rath

Romance

4  

Lokanath Rath

Romance

अभी अभी.......

अभी अभी.......

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अभी अभी....

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अभी अभी मेरे दिलको अहसास हुआ है,

की तुमसे मिलना जैसे एक ख्वाब था

वो पल भी कितनी हसीन थी और मुश्किल था

सोचने से अभी खुशी तो मिलता पर दर्द देता है

अभी अभी मेरे दिलको अहसास हुआ है........


जब बारिश की पानी मे हम भीगते थे

तुम्हारी जुलफो से पानी मोती जैसे लगते थे

जैसे उसकी टपकना कुछ अलग अलग लगते थे

हमारी भीगी हुई बदन कुछ कहते तो थे

ये बारिश भी है मे तो हूँ पर वो पल नहीं है

अभी अभी मेरे दिल को अहसास हुआ है.......


वो गर्मियों मे हम धूप से बचते थे

कभी पेड़ की छाएँ मे खुद को छुपाते थे

कभी कभी तुम्हारी आँचल मे छुपते थे

और हमारी सासे भी मिला करते थे

अब वो धुप तो है पर वो दिन बीत गया है

अभी अभी मेरे दिलको अहसास हुआ है.........


जब वो ठण्ड मे हम दोनों कांपते थे

एक दूसरे के गले हम लगते थे

साँसो की गर्मियां हमें अच्छी लगती थी

और एक दूसरे के बांहों मे हम होते थे

अब वो ठण्ड तो है पर मेरा वो गर्मीयां नहीं है

अभी अभी मेरे दिलको अहसास हुआ है........


तब साथ जिन्देगी बिताने की कसम लेते थे

एक दूसरे की ख्याल मे रोज डूबते थे

तुम कुछ कहती थी हम सुना करते थे

बन्द आँखों मे हम प्यार के सपने देखते थे

अब वो आँखे है पर वो सपने टूट गये हैं

अभी अभी मेरे दिलको अहसास हुआ है......


धुन -

कभी कभी मेरे दिलको ख्याल आता है....



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