अभी अभी जागा हू
अभी अभी जागा हू
अभी अभी तो जागा हू, फिर सोने की लत मत लगाओ।
अभी अभी तो टूटा था, फिर से जुड़ने की आश मत जगाओ।
बिखर गया जुड़कर जिससे, उसकी याद मत दिलाओ।
जलाया था सपना, अब खाक हो जाओ।
नही मिला था मंजिल, पाकर खो दिया, अब दूर हो जाओ।
चाहा था शिद्दत से, मगर अब पास न आओ।
थे हजारों मरने की वजह, काफी है जीने की एक वजह,
फिलहाल ख्यालों मे भी मत आओ।
अभी अभी तो जागा हूँ, फिर सोने की लत मत लगाओ।