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KISHAN LAL DEWANGAN

Abstract Children Stories Drama

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KISHAN LAL DEWANGAN

Abstract Children Stories Drama

ठंडी सुबह

ठंडी सुबह

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खोई रात और गुमशुदा सुबह होगी

ठिठुरती देह की हालात पतली होगी

यहाँ सुबह की चाय भी बहुत देर होगी

सपनों की परियां उठते ही गायब होंगी

मौसम प्रातः चित् चोर होगी

अलबेलों का रेला, फुहारों की होली होगी


सर्द हवा और काँपती उँगलियाँ होगी

नाक बहती, डराती ठंड होगी

नाचती चिड़िया, भोर विभोर होगी

फैली लाल रोशनी, धूप होगी

गाती नीर नदिया की होगी 

फिर एक सवेरा शुभावह ठंड की होगी


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