अबार्शन।
अबार्शन।
कुदरत ने महिलाओं को एक विशेष गुण दिया,
वो होती इंसान की जननी,
उसके गर्भाशय में इंसान पनपता,
फिर लगभग नौ महिने रहता,
वहां पर उसका पोषण होता,
अंत में बाहर दुनिया में आता,
ये एक कठिन प्रक्रिया होती,
कई बार अगर हो असावधानी,
तो महिला की जान भी चली जाती।
महिला का अपने शरीर पर पुरा हक,
वो चाहे तो बच्चे को दें जन्म,
नहीं तो करवा सकती अबोर्ट,
लगभग 20महीने तक गर्भाशय,
अबोर्ट करवाना है कानुनी वैध्य,
इसके बाद है अनुचित।
हर महिला का माँ बनना,
है सबसे बड़ा सौभाग्य,
परंतु कई बार परस्थितियां होती अनुचित,
बच्चे में कोई कमी होना,
महिला की जान को खतरा होना,
या कारणवश महिला का बच्चा न चाहना,
ऐसी परिस्थिति में अबोर्शन है उचित उपाय,
लेकिन हो किसी प्रशिक्षित डाक्टर की देखरेख में।