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Hargovind Wadhwani

Inspirational

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Hargovind Wadhwani

Inspirational

अब तो दिल दुखाना छोड़ दे

अब तो दिल दुखाना छोड़ दे

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कुछ दिन का है महेमान है तू, अब तो दिल दुखाना छोड़ दे, 


ना कर गर्व दन दौलत का ना अभिमान कर तू कुर्सी का,

मान ले सच्चाई तू है दिन दो दिन का महेमान, तू दिल दुखाना छोड़ दे...;! 


मान सम्मान यहाँ ना तेरा है, ना तेरे रुतबे का, 

मान है उस कुर्सी का, मान है उस रुतबे का जो ख़ैरात में तूने पाया है, 

मगर फिर भी अपनी मान बड़ाई के चक्कर में तूने कितनों का दिल तूने दुखाया है,

अब तो समझ ले और दिल दुखाना छोड़ दे....! 


तू ना आलिम है ना फ़ाज़िल है, ना तू शहंशाह-ए-आलम है,

तू एक मिटी का ज़र्रा है, तू उस ख़ुदा ए नूर से चमकता है, अपनी चमक समझना छोड़ दे, 

मान ले सच्चाई और दिल दुखाना छोड़ दे....!


ना तुझे समझ है ना अक़्ल है, सिर फिरों की फ़ौज में तूने अपना सब गवाँयाँ है, 

कान के कच्चे बन कर, सच्च को जूठ में बदलवाया है,

वाह वाह की चाह में कितनों का दिल दुखाया है, 

अब भी चेत और समझ ले तू, दिल दुखाना छोड़ दे....!


कमज़ोर ना समझ तू अगले को, सम्मान देता है वो तेरे रुतबे को,

कुछ ना कहता है मगर आह दिल की वो देता है, 

याद रखना ए मूर्ख तू, हर पाप ख़ुदा माफ़ कर देगा, नहीं करेगा माफ़ तुझे,

अगर दिल किसी का दुखाया है, डर के मारे ही सही मगर दिल दुखाना छोड़ दे.....!


कहता हरगोविंद अब तो चेत ले, प्रेम कर सबसे और सब का दिल जीत ले,

राज करना है अगर सब पर, हर दिल को प्यार से जीत ले, 

है मालिक से मिलना तुझे अगर, वास्ता उसी का है, अब तो दिल दुखाना छोड़ दे.....! 


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