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Dr. Vijay Laxmi

Inspirational

4.7  

Dr. Vijay Laxmi

Inspirational

आया पितृपक्ष महान

आया पितृपक्ष महान

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पितृपक्ष आया, श्राद्ध का ये मौसम है,

पिता की यादें दिल में बसी अनुपम हैं ।

उनकी ममता, उनके चेहरे की मुस्कान,

हमें हर वक्त याद आती है वो जवान।


पिता की ममता से नहीं दिल हैं भरते ,

स्नेह हमारे दिलों में ताजगी हैं देते ।

पितृपक्ष के दिन, हम उनके आभारी,

साथ बिताए लम्हों की यादें हैं न्यारी।


पिता की बड़ाई, उनकी सीखों का साथ,

उनकी ममता छांव का प्यार भरा हाथ।

पितृपक्ष के दिन, हम करते हैं उन्हें याद ,

उनक

े आशीर्वाद की हम मांग करें नाद ।


पिता की ममता कभी नहीं होती फीकी,

उनके स्नेह हमारे दिलों में हमेशा घीकी।

पितृपक्ष के दिन, हम उनके हैं आभारी,

उनके साथ बिताए लम्हों की यादें न्यारी।


पिता हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से,

उनकी यादों में बसे जीवन के किस्से।

पितृपक्ष पर यह उन्हें समर्पण का गान,

सबके दिलों को छूने का प्रयास महान ।

              



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