आवारगी में क्या रखा है
आवारगी में क्या रखा है
छोड़ दीजिये आवारगी
आवारगी में क्या रखा है
राह पकड़िये साहित्य की
जिसने पूरी कायनात को
कलम का पागल बना रखा है
नेह बरसाइये भावों से
कागज़ पर लिख कर शब्दों को
प्रेम से भीगे पुष्प सहलाइये
उन शब्दों को गा गा कर
सुरों की मोहक रागिनी बहाइये
थोड़ा रुक जाइये हाँ हाँ
कृपया थोड़ी देर रुक जाइये
उनकी ग़ज़ल पढ़िए
और पढ़ते जाइये
शब्द शब्द दर बह रहा
नीर निरझरा काव्य की
सरित में आप भी
डूबिये उतराईये
पर
थोड़ा रुक जाइये हाँ हाँ
कृपया थोड़ी देर रुक जाइये
ये देखिये गीत अभी अभी
सृजित हुआ
एक महिला सदस्य ने
अपनी भवनाओं का
तो पूरा संसार ही इसमें
व्यक्त कर के रख दिया
अपने आत्मीय शब्दों से भावों से
थोड़ा उनको गुदगुदाइये
समूह में नीरसता फ़ैली है
थोड़ी मोहिनी फैलाइये
छूट न जाए कोई सृजन
आपके सम्मान से
ये कविगण कुञ्ज और
क्या चाहता है आपसे
कुछ न कह पाएं अगर
तो बस स्माइली चमकाइये
पर
थोड़ा रुक जाइये हाँ हाँ
कृपया थोड़ी देर रुक जाइये
छोड़ दीजिये आवारगी
आवारगी में क्या रखा है
राह पकड़िये साहित्य की
जिसने पूरी कायनात को
कलम का पागल बना रखा है
नेह बरसाइये भावों से
कागज़ पर लिख कर शब्दों को
प्रेम से भीगे पुष्प सहलाइये
उन शब्दों को गा गा कर
सुरों की मोहक रागिनी बहाइये।